पत्र आया है तुम्हारा
चल कर
कबूतर की चाल
लिखा है तुमने
हसरतों का तूफान हो
कहीं ना थमने का नाम हो
जोशे दरिया में इस कदर है
सनम
कहीं ना बेखबर हो
पर
सुन लो
ज्वाब हमारा भी
मिलने की आशाओं का
तूफान हो
कहीं ना मिलन का
नाम हो
नफरतों का जोश
दिल के दरिया में
इस कदर है
अ
माटी के पुतले
कहीं ना
मुलाकात हो !
चल कर
कबूतर की चाल
लिखा है तुमने
हसरतों का तूफान हो
कहीं ना थमने का नाम हो
जोशे दरिया में इस कदर है
सनम
कहीं ना बेखबर हो
पर
सुन लो
ज्वाब हमारा भी
मिलने की आशाओं का
तूफान हो
कहीं ना मिलन का
नाम हो
नफरतों का जोश
दिल के दरिया में
इस कदर है
अ
माटी के पुतले
कहीं ना
मुलाकात हो !
1 comment:
बहुत खूबसूरत लब्जों से सवारा है
प्रशंसनीय
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