बीते हुए पल
गीत बहुत से गाए है
शायद
हर साज पर गाए है
पर
सुने है जिस दिन से
गम के नगमे
गीत फिर मुझसे
किसी भी साज पर
गाया ना गया !
वफ़ा को
नाम ना दिया होता
बेवफा का
इस बेरहम दुनिया ने
अगर
चीज ना होती
मज़बूरी नाम की !
वक्त्त की हर लहर पर
यादों की मोजों का
पहरा होगा
करोगे याद तो
लहरों की रवानगी में
बीते हुए पलों का
कारवां ठहरा होगा !
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